भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर को लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया( ब्लड कैंसर) के इलाज की नई दवा बनाने में सफलता मिली है। यह खोज ब्लड कैंसर के कारगर और दुष्प्रभाव मुक्त -इलाज की दिशा में बड़ी सफलता मानी जा रही है।
आईआईटी इंदौर ने 12 वर्ष पहले अपनी स्थापना के साथ ही इस पर शोध शुरू कर दिया था। इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल जल्द ही टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई के एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर में शुरू हो रहा है।
कैंसर की इस नई दवा को आईआईटी इंदौर ने नवी मुंबई की बायोफार्मासूटिकल कंपनी एपीजेन बायोटेक के साथ मिलकर विकसित किया है। नई दवा को अभी कोड नेम एम- एस्पार दिया गया है।
दवा को विकसित करने वाली रिसर्च टीम की अगुवाई आईआईटी इंदौर के बायोसाइंस और बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रिन्सिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो. अविनाश सोनवणे ने की। उनके साथ ही डॉ रंजीत मेहता, सोमिका सेनगुप्ता, और मैनक बिस्वास भी इस शोध में शामिल रहे।