Modi Govt : #Assam #Nagaland #Manipur #AFSPA #नगालैंड, #असम और #मणिपुर में घटेगा AFSPA का दायरा, मोदी सरकार ने दिखाया दम
मोदी सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए पूर्वोत्तर राज्यों नागालैंड, असम और मणिपुर में AFSPA के तहत आने वाले एरिया को कम कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये जानकारी दी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “एक महत्वपूर्ण कदम में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का निर्णय लिया है।
Modi Govt Assam Nagaland Manipur AFSPA #नगालैंड, #असम और #मणिपुर में घटेगा AFSPA का दायरा, मोदी सरकार ने दिखाया दम”
केंद्र सरकार के मुताबिक, 2014 की तुलना में, साल 2021 में उग्रवादी घटनाओं में 74% की कमी आई है. इसके अलावा इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मौत में क्रमश: 60% और 84% की कमी आई है. सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है.
एक दिन पहले ही, असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना सीमा विवाद सुलझने की दिशा में कदम बढ़े। असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर दस्तखत किए। दोनों राज्य 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। इनके बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद था।
AFSPA क्या है?
AFSPA को साल 1958 में संसद ने पारित किया था। इसका पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 (AFSPA) है। 11 सितंबर, 1958 को अफ्सपा लागू हुआ था। शुरू में यह पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिनको ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था। इनमें से ज्यादातर ‘अशांत क्षेत्र’ की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं। सितंबर 2017 तक मेघालय के करीब 40 फीसदी हिस्से में अफ्सपा लागू था। बाद में गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने मेघालय से अफ्सपा को पूरी तरह वापस लेने का फैसला किया।
फोर्सेज को क्या अधिकार होते हैं?
AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों को कई खास अधिकार दिए हैं। केंद्र या राज्यपाल पूरे राज्य या उसके किसी हिस्से में AFSPA लागू कर सकते हैं। इसके तहत आर्म्ड फोर्सेज को कानून के खिलाफ जाने वालों या हथियार, गोला-बारूद ले जा रहे व्यक्ति पर गोली चलाने का अधिकार है। बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार भी AFSPA में मिलता है। बिना वारंट के सर्च भी कर सकते हैं। सुरक्षा बलों पर इसके लिए किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अफ्सपा के तहत किसी तरह की कार्रवाई करने पर सैनिकों के खिलाफ न मुकदमा चलाया जा सकता है औ न किसी तरह की कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
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