पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना मामलों पर चिंता जताते हुए डॉक्टरों के एक समूह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को रैलियों में मास्क अनिवार्य करने की सलाह दी। डॉक्टरों ने कहा, चुनावी माहौल में कोरोना प्रोटोकाल को धड़ल्ले से नजरंदाज किया जा रहा है। उन्होंने साथ ही कोविड अस्पतालों में बिस्तर और मुफ्त वेंटिलेटर नहीं होने का भी मुद्दा उठाया।
डॉ हीरालाल कोनार और डॉ पुण्यव्रत गुण ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, बीते सात दिनों में पश्चिम बंगाल में कोरोना मरीज तेजी से बढ़े हैं। साथ ही कई मरीजों में म्यूटेंट स्ट्रेन भी मिले हैं।
वहीं इस दौरान जांचें भी कम हो रही हैं। कई मरीजों को दोबारा कोविड आईसीयू में भर्ती किया गया है और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी होने लगी है, मुफ्त वेंटिलेटर भी सीमित ही बचे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि दूसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता और मौजूदा स्थिति चिंताजनक है।
चुनावी रैलियों को लेकर विशेष चिंता जाहिर करते हुए डॉक्टरों ने कहा, चुनावी सभाओं और रैलियों में आम आदमी, नेता और पुलिस वाले भी बिना मास्क के दिखाई देते हैं और अगर मास्क होता भी है तो वह मुंह से नीचे होता है। ऐसी स्थिति खतरनाक है। दस करोड़ आबादी में से अभी तक सिर्फ 20.3 लाख लोगों को ही टीका लगा है।













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