वट सावित्री पूजा की हार्दिक शुभकामनाए। सावित्री जिन्होंने अपने सतीत्व से अपने पति सत्यवान को मरणोपरांत यम से लड़ कर अपने पति को जीवित करवाया।
Vat Savitri Puja Date – 10 June 2021
आज यह कविता उनको ही समर्पित।
मैं धरती तू है व्योम।
मैं सती तू है ॐ
मैं कह रही हूं तू सुन रहा है
मैं थम गई पर तू चल रहा है
कोई जैसे सागर से गहरा है
परछाई हूं मैं तुमसे बनी हूं
तू सत्यवान मैं सावित्री हूं
तू सजल मैं अनजान हूं
तू आकाश मैं पृथ्वी हूं
तेरी सासों में जकड़ी हूं
लेकिन फिर भी
आजाद है खुद को पाया
अमृत कलश है वो प्यार का
पृथक कहां कोई रह पाया?
जब जीवन संगी तुमसा
जीवन में मेरे आया
हर बात दिल से सोचा
हर पल ये मन मुस्कुराया
जो जीवन साथी तुमसा पाया
लहलहाते फसलों की बाली
ये वट ये वृक्ष के पाती
साक्ष्य है तेरे मेरे मन के
जुड़े है जुड़े रहेंगे
चाहे यमराज भी आये लेने
कोई एक न साथ जाए
चलेंगे तो दोनो मर के चलेंगे
हम एक जोड़ी बन के रहेंगे
मैं सावित्री तू सत्यवान
मैं धरती तू है व्योम।
मैं सती तू है ॐ
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