हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। ‘जहां बीमार वहीं उपचार’, इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह शहर एवं गांवों में घर-घर दवाएं बांटी जा रही हैं, यह बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को और व्यापक करना है।
बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, यह भी अपने आप में एक उदाहरण है।
कोरोना ने हमसे कई अपनों को छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। कोरोना की सेकेंड वेव में हमारे हेल्थ सिस्टम पर बहुत बड़ा दबाव पैदा हुआ। डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के परिश्रम से हम इस चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं।



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