आज जहाँ लगभग सम्पूर्ण विश्व वैश्विक महामारी कोविड-19 से ग्रसित है। वहीं, वैज्ञानिक व अनुसंधानकर्ता जनसाधारण के हित हेतु शोध करने में अपना सर्वस्व दे रहे हैं। हमारा भारत भी इन कार्यों में अग्रलिखित है। कोविशील्ड व कोवैक्सीन का निर्माण कर हमारा देश पहले ही इतिहास रच चुका है। पर अब कोरोना की जाँच में आ रही दिक़्क़तों का हल भी खोज लिया गया है।
इसी क्रम में, बुधवार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) ने पुणे की माईलैब में विकसित, कोविसेल्फ नामक होम टेस्टिंग किट को मंज़ूरी दे दी है। जिसके माध्यम से कोरोना के लक्षण महसूस कर रहे व्यक्ति अपने घर पर रह कर ही स्वयम् जाँच कर सकेंगे। आईसीएमआर के अनुसार, यह एक रैपिड एंटीजन किट है। जिसका इस्तेमाल सिर्फ़ उन्हीं को करना है, जिनको कोरोना के लक्षण हैं। इसकी क़ीमत 250 रुपए है।
उक्त संदर्भ में, आईसीएमआर ने एडवाईज़री में मरीज़ की जानकारी गोपनीय रखने की बात करते हुए, फ़िज़ूल जाँच ना करने की सलाह भी दी है। प्लेस्टोर व ऐपस्टोर पर प्राप्त हो सकने वाली कोविसेल्फ ऐप के माध्यम से आप आसानी से किट को इस्तेमाल करने की विधि जान सकते हैं। जिस फ़ोन पर ऐप डाउनलोड व रजिस्टर्ड है, उसी से आपको टेस्ट स्ट्रिप की तस्वीर लेनी है। ऐप का डेटा आईसीएम से जुड़े एक सर्वर में सुरक्षित रहेगा।
ऐसे में यह प्रश्न भी है कि यदि जाँच सकारात्मक या नकारात्मक आए तो क्या करना चाहिए?
एडवाईज़री में बताया गया है कि यदि जाँच सकारात्मक आती है तो होम आइसोलेशन में रहते हुए आईसीएमआर एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत जारी कोरोना नियमों का पालन करें। दोबारा लैब जाकर जाँच कराने की आवश्यकता नहीं होगी। परन्तु, नकारात्मक जाँच आने पर आरटी-पीसीआर कराने की सलाह दी गई है। क्योंकि, कम वायरस लोड के कारण रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग के माध्यम से कुछ मामलों में इसकी पुष्टि नहीं होती है।



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