
अखिल भारतीय रामायण मेला समिति प्रयागराज के तत्वावधान में समायोजित त्रिदिवसीय आयोजन के दूसरे दिन क्रमसः प्रथम सभ मानस अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता, रामायण प्रश्नोत्तरी (क्विज प्रतियोगिता, तथा रामायण शोध संगोष्टी का आयोजन किया गया।
प्रथम प्रतियोगिता में डॉ कृष्ण मणि चतुर्वेदी मैत्रेय, डॉ० चित्रा चतुर्वेदी एवं प्रबन्ध मंत्री श्रीमती रंजना मिश्र के निर्धायिकत्व एवं श्री सतीश कुमार गुप्त जी के संयोजन मे तथा दृतीय प्रतियोगिता भी डॉ० कृष्णमणि चतुर्वेदी मैनेय, डॉ सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्द्र एवं डॉ० विजय शंकर मिश्र भास्कर नीर-क्षीर विवेकयुक्त निर्णय द्वारा पूर्ण हुई जिनमें प्रथम द्वितीय तृतीय व सान्त्वना पुरस्कार कल सम्मान एवं सम्मूर्ति समारोह में देने भी घोषणा की गई।
द्वितीय सत्र के रूप में डॉ अनुज प्रताप सिंह की अध्यक्षा डॉ सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु’ एवं डॉ० विजय श्रीकर मिश्र व सियाराम त्रिपाठी के विशिष्टशतिथ्य में समारोह का सम्पादन हुआ। पूर्व में मंचस्थ अतिथियों के कर कमलों द्वारा दीपोद्दीपन एवं सिम्पल काव्यधारा द्वारा सरस्वती बन्दना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
वक्ताओं में डॉ० विजय शंकर मिश्र भाष्कर’, डॉ० सियाराम त्रिपाठी, डॉ कृष्ण मणि चतुर्वेदी मैत्रेय, डॉ० चिया चतुर्वेदी, गीता त्रिपाठी, सिम्पल काव्यधारा आदि ने विविध प्रसंगों पर अपना उद्बोधन किया।
अध्यक्षता कर रहे डॉ० अनुज प्रताप सिंह जी ने महर्षि वाल्मीकि रामायण के महत्व को प्रकाशित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० श्रभुनाथ त्रिपाठी अंशुल एवं आभार दुर्गेश दुबे जी’ ने किया। सायंकालीन सत्र में महाकवि पं रमाशंकर पाण्डेय विकल (सोनभद्र) की अध्यक्षता में लगभग ३० कवियों के काव्य पाठ से कविसम्मेलन पूर्ण हुआ।
महामंत्री शम्भुनाथ त्रिपाठी अंशुल ने बताया कल अपराह्न १ बजे से डॉ० गिरीशचन्द्र त्रिपाठी के मुख्यातिथ्य में विभिन्न क्षेत्रो के उत्कृष्ट मनीषियों को सम्मानित किया जायेगा।
अखिल भारतीय रामायण मेला: त्रिदिवसीय आयोजन का द्वितीय दिवस
अखिल भारतीय रामायण मेला समिति, प्रयागराज के तत्वावधान में त्रिदिवसीय आयोजन के दूसरे दिन विविध गतिविधियों का सफल आयोजन हुआ।
कार्यक्रमों की प्रमुख झलकियां:
- मानस अंत्याक्षरी और रामायण क्विज प्रतियोगिता
- आयोजन में निर्णायक की भूमिका डॉ. कृष्ण मणि चतुर्वेदी, डॉ. चित्रा चतुर्वेदी, श्रीमती रंजना मिश्र, डॉ. सुशील कुमार पांडेय, और डॉ. विजय शंकर मिश्र ने निभाई।
- विजेताओं को सम्मान समारोह में पुरस्कृत करने की घोषणा की गई।
- रामायण शोध संगोष्ठी
- सत्र की अध्यक्षता डॉ. अनुज प्रताप सिंह ने की।
- दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से शुभारंभ हुआ।
- वक्ताओं ने रामायण के विविध प्रसंगों पर विचार व्यक्त किए।
- कविसम्मेलन
- अध्यक्षता महाकवि पं. रमाशंकर पांडेय विकल (सोनभद्र) ने की।
- लगभग 30 कवियों ने अपनी रचनाओं से समा बांधा।
आगामी कार्यक्रम
महामंत्री शम्भुनाथ त्रिपाठी अंशुल ने बताया कि अंतिम दिन अपराह्न 1 बजे से डॉ. गिरीशचंद्र त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य में विभिन्न क्षेत्रों के मनीषियों को सम्मानित किया जाएगा।