कर्कोटक नाग – जन्मेजय ने अपने पिता परीक्षित जब श्राप के कारण साँप द्वारा दश लिया गया तब उसने सभी साँपों को मारने हेतु एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया ! जिसमें बहुत सारे नाग , सर्प मृत्यु को प्राप्त हुए !
तब कर्कोटक जो की शिव जी का गण था, उसने इससे बचने के लिए शिव जी के शिवलिंग के सामने उपासना शुरू कर दी ! तब शिव जी प्रसन्न होकर उसे कहा कि जो भी नाग वंश के उत्थान के लिए कार्यरत होगा उसे भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है !
और कर्कोटक उस शिवलिंग में समाहित हो गया ! वह शिवलिंक कर्कोटकेश्वर शिवलिंग के नाम से जाना जाता है !
#shivpuran













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