यूपी पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी चल रही हैं। उम्मीद लगायी जा रही है कि आगामी 25-26 मार्च को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। इसके तत्काल बाद 28-29 मार्च को होली का त्योहार है और फिर उसके बाद इन चुनावों के लिए नामांकन दाखिले का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
होली के बहाने चुनावी रंजिश निपटाने की जुगत में लगे असामाजिक तत्वों से गांव का माहौल बिगड़ने की भी आशंका है। त्योहार की खुशी बांटने के नाम पर वोटरों में शराब व अन्य नशीले पदार्थ बांटे जाने से भी उपद्रव की आशंका बलवती है।
इन दिनों आरक्षण के नये फार्मूले और इन सूचियों से असंतुष्ट लोग दावे और आपत्तियां भी दर्ज करवा रहे हैं। जिनके मन मुताबिक सीट आरक्षित या अनारक्षित नहीं हुई वह मायूस हैं।
जिन्हें आरक्षण की इन सूचियों की वजह से चुनाव लड़ने के मौके मिल रहे उनके खेमों में सक्रियता बढ़ गयी है।
कहीं खुशी-कहीं गम के इस माहौल में राजनीतिक दलों की सरगर्मी भी तेज होने से बदलते मौसम के साथ गांव की सरकार बनाने को लेकर सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से पंचायत चुनाव करवाने के लिए इन सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। डीजीपी के साथ अगले हफ्ते होने वाली इस बैठक में चुनाव से पहले मण्डल और जिलेवार संवेदनशीलता आंकी जाएगी।
इसके बाद सुरक्षाबलों की उपलब्धता, उनके आवागमन और तैनाती स्थल पर पहुंचने में लगने वाले समय को ध्यान में रख कर यह भी निर्णय लिया जाएगा कि चार चरणों के इस चुनाव में किस चरण में किस मण्डल के कौन-कौन से जिले शामिल किये जाएं।













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