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“राजपूत समाज” राजपूतों के इतिहास और बलिदान को अनदेखा कर क्षत्रिय समाज आज हाशिये पर क्यों ? ठाकुर युवराज सिंह अलोक

ठाकुर युवराज सिंह अलोक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (हिन्द) राजपूतों के इतिहास और बलिदान को अनदेखा कर क्षत्रिय समाज आज हाशिये पर क्यों ? लोकसभा चुनाव २०२४ क्षत्रिय समाज आज हाशिये पर क्यों? ठाकुर युवराज सिंह अलोक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन (हिन्द) क्षत्रिय एकता क्यों जरूरी है

Thakur Yuvraj Singh Loksabha Election 2024 special

राजपूतों का इतिहास शौर्य और बलिदान से भरा हुआ है। सदियों तक उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। लेकिन आज क्षत्रिय समाज हाशिये पर है। ऐसा क्यों है? इसके कई कारण हैं। सबसे पहले, क्षत्रिय समाज राजनीतिक रूप से बिखरा हुआ है। विभिन्न राजपूत समुदायों के बीच एकता नहीं है, जिसके कारण उनकी राजनीतिक शक्ति कमजोर हो जाती है। दूसरे, क्षत्रिय समाज आर्थिक रूप से भी पिछड़ा हुआ है। कृषि पर उनकी निर्भरता बहुत अधिक है, और कृषि क्षेत्र में आजकल बहुत कम मुनाफा होता है। तीसरे, क्षत्रिय समाज शिक्षा में भी पिछड़ा हुआ है। शिक्षा के अभाव में वे बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं कर पाते हैं। चौथे, क्षत्रिय समाज सामाजिक रूप से भी कमजोर है। जाति व्यवस्था के कारण उन्हें कई तरह के भेदभावों का सामना करना पड़ता है। इन सभी कारणों से क्षत्रिय समाज आज हाशिये पर है। इस स्थिति को सुधारने के लिए क्षत्रिय समाज को एकजुट होना होगा

\ और अपनी राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास करने होंगे। लोकसभा चुनाव २०२४ आगामी लोकसभा चुनाव २०२४ में क्षत्रिय समाज अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन कर सकता है। यदि क्षत्रिय समाज एकजुट होकर वोट देगा तो वह अपनी राजनीतिक शक्ति का एहसास करा सकता है। क्षत्रिय समाज को निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए:

क्षत्रिय समाज के लिए आरक्षण की मांग, कृषि क्षेत्र में किसानों की समस्याओं का समाधान, क्षत्रिय समाज के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन, शिक्षा में क्षत्रिय समाज की पिछड़ेपन को दूर करना, जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई, क्षत्रिय समाज एकजुट होकर इन मुद्दों पर आवाज उठा सकता है और अपनी स्थिति में सुधार ला सकता है।