आंदोलन का हरियाणा, पंजाब में व्यापक असर हुआ तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। गाजियाबाद-हापुड़ में भी कई ट्रेनों को रोक दिया गया, जिससे यात्रियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ा
तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन में आज जगह-जगह ट्रेनें रोक दी गईं। आंदोलन का हरियाणा, पंजाब में व्यापक असर हुआ तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। गाजियाबाद-हापुड़ में भी कई ट्रेनों को रोक दिया गया, जिससे यात्रियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस दौरान किसी भी यात्री को किसी तरह से परेशान न होने का दावा किया गया है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पहले ही साफ कर दिया था कि किसान किसी भी यात्री को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
12 बजे से शाम चार बजे तक चलने वाले इस आंदोलन के दौरान किसानों ने यात्रियों को चाय-पानी पिलाकर स्वागत किया और उन्हें बताया कि वे इन कानूनों का विरोध क्यों कर रहे हैं। किसानों ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए उनसे क्षमा भी मांगी। किसान नेताओं ने दावा किया है
कि उनका आज का कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिए कि उनकी लोकप्रियता तभी सफल होगी जब तक इस देश का जवान और किसान उनके साथ खड़ा है।
अगर ये साथ उनके पास से हट गया तो उनकी सत्ता भी ज्यादा देर नहीं टिक पाएगी। किसान नेता ने कहा कि सरकार को अभी भी चेत जाना चाहिए और तीनों विवादित कानूनों को तत्काल वापस ले लेना



Leave a Reply