आज से 1 माह का कल्पवास और पुण्य की आस
प्रयागराज पौष पूर्णिमा पर डुबकी के साथ बृहस्पतिवार से संगम की रेती पर जीवन का पर्याय कल्पवास आरंभ हो गया।इस दौरान संगम क्षेत्र में नियमित दिनचर्या के साथ खानपान आचरण मर्यादा संकल्प और सरोकारों का अनुशासन बनाया रखा जाएगा। परंपरा अनुसार आज से उपवास दो या तीन समय स्नान की समय भोजन के साथ ही।जमीनमें सोने और कल्प वासी अपने-अपने शिविर में ठाकुर जी का विग्रह स्थापित कर के शिविर के बाहर तुलसी का पौधा रोपण करेगे और जौ बोएगें तीर्थ पुरोहित कहते हैं तुलसी और जौ का पौधा विकास सुख और समृद्धि का प्रतीक है ।मान्यता है कि जैसे जैसे पौधे बढ़ेंगे व्यक्ति की चारो ओर और अधिक प्रगति भी बढ़ेगी।
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