महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर उद्धव सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिनों से जारी आरोप के बीच गुरुवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक बार फिर केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया।
गुरुवार को राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुकाबले गुजरात की आबादी आधी है, ऐसे में गुजरात को 1 करोड़ वैक्सीन मुहैया कराई गई, जबकि महाराष्ट्र को 1.04 लाख डोज दी गई। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से हर महीने 1.6 करोड़ वैक्सीन की मांग की है। प्रदेश में हर दिन 6 लाख लोगों को टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में हमें हर हफ्ते 40 लाख वैक्सीन की जरूरत है।
बुधवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि उनके राज्य में सिर्फ तीन दिन का वैक्सीन स्टॉक बचा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई टीकाकेंद्रों पर तो बिना टीका दिए लोगों को वापस लौटा दिया गया है।
टोपे के बयान के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पलटवार किया था। हर्षवर्धन ने कहा था कि राज्य में कोरोना वैक्सीन की कमी नहीं है। सभी राज्यों को जरूरत के हिसाब से वैक्सीन पहुंचाई जा रही है। हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र सरकार पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया था।
महाराष्ट्र में कई जगहों पर टीकाकरण बंदबता दें कि महाराष्ट्र के कई जिलों में वैक्सीनेशन की किल्लत के चलते टीकाकरण अभियान को बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के सतारा, नवी मुंबई, कोल्हापुर, सोलापुर में टीके की कमी के चलते टीकाकरण केंद्रों को बंद करने पड़े हैं। केंद्रों पर लाइन में लगे लोगों को बिना टीका लगाए ही वापस लौटना पड़ा है। पीएम मोदी की बैठकवहीं देश में कोरोना की दूसरी लहर से बिगड़ी स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में कोरोना नियंत्रण को लेकर चर्चा होगी।



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