बिहार विधानसभा में मंगलवार को वो हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ. नीतीश सरकार के बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. बताया जा रहा है कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह का बवाल हुआ है.
दिन भर में 4 बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को उनके ही चैंबर में बंधक बना दिया. इस दौरान पुलिस को बुलाया गया.
विधानमंडल के बजट सत्र का 20वां दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी विधायकों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधयेक पर चर्चा के दौरान जमकर बवाल काटा। विधानसभा में हंगामा इतना बढ़ गया कि अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को विधायकों ने उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया। विधानसभा अध्यक्ष को छुड़ाने पहुंचे पटना के डीएम और एसएसपी के साथ भी जमकर धक्का मुक्की हुई।
इसके बाद मार्शलों ने विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर फेंकना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से कई विधायक घायल हो गए। वहीं मकदुमपुर से राजद विधायक सतीश कुमार दास सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का मुक्की के दौरान बेहोश हो गए। घायल विधायक को एंबुलेंस बुलाकर और स्ट्रेचर पर लाद कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को लेकर सुबह 11 बजे से ही विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा करना शुरू कर दिया। सदन में न सिर्फ बिल की कॉपी फाड़ी गई बल्कि उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से इसकी कॉपी छीनने की भी कोशिश की गई। दरअसल इस बिल को लेकर विपक्ष का यह आरोप है कि इससे आम आदमी के अधिकारों का उल्लंघन होगा वहीं सत्ता पक्ष यह दलील दे रहा है कि इससे आमजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह सिर्फ पुलिस विभाग के लिए है।



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