संजीव प्रकाशन के ऑफिस में तोड़फोड़, मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति के बाद दिया अंजाम।
ऑफिस के व्यवस्थापक द्वारा यह बताया गया कि कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगो द्वारा पिछले कई दिनों से फोन पर धमकी दिया जा रहा था ।
हुआ यूं कि मुस्लिम आतंकवाद पर कुछ कंटेंट प्रकाशन ने डाले थे। व्यवस्थापक का कहना है की वो भी बोर्ड से ही लिया गया था।
फोन आने के पश्चात प्रकाशन ने लिखित माफी भी मांगी। किंतु कुछ उपद्रविओ ने जयपुर ऑफिस में घुसकर तोड़ फोड़ को अंजाम दिया।
इस मामले में प्रकाशन सकते में है। प्रश्न यह है कि अगर किसी पब्लिकेशन ने बोर्ड के अनुरूप प्रश्न रखा है तो क्या इस हद तक जाने की छूट किसी को कैसे मिल सकता है, कि कानून को भी हाथ में ले लिया जाय।



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