कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साढ़े तीन महीने से नेशनल हाईवे पर बैठे किसानों ने गरमी की तैयारी करनी शुरू कर दी है। पक्के मकानों का निर्माण शुरू करा दिया है। गरमी को देखते हुए मौके पर ट्यूबवेल भी लगवा दिए गए हैं। किसान नेताओं ने एलान कर दिया है कि नेशनल हाईवे पर प्लॉट बनाकर ज्यादा से ज्यादा पक्के निर्माण किए जाएंगे और नगर व मोहल्ले बसाए जाएंगे।
इसके लिए सेवादार ईंट व अन्य निर्माण सामग्री भिजवा रहे हैं और पानीपत से दिल्ली जाने वाली लेन के किनारे निर्माण भी शुरू करा दिया गया है। किसान नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह लंबे समय तक यहां रहने के लिए पक्के मकान बना रहे है और अब सरकार उनको रोककर दिखाए। किसानों का आंदोलन लंबा होता जा रहा है और सरकार का रुख देखकर किसानों को लगता है कि अभी आगे भी लंबे समय तक उनको सड़क पर बैठना पड़ सकता है।
ऐसे में मौसम की परेशानियों से बचने के लिए ही किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर पक्के मकानों का निर्माण शुरू करा दिया है। किसानों का तर्क है कि वह गर्मी या सर्दी में टेंट के अंदर क्यों मरे, जब उनको बॉर्डर पर लंबे समय तक बैठना है तो वह पक्के मकान बनाकर रहेंगे ताकि उन मकानों में मौसम के अनुसार एसी, रूम हीटर या अन्य सुविधाएं रख सके।



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