एक बार फिर से भारत, चीन को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है। दूरसंचार लाइसेंस नियमों में बदलाव के बाद भारत सरकार चीनी कंपनी हुवावे को बैन कर सकती है और 15 जून से नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह फैसला लिया जा सकता है। अमेरिका, कनाडा सहित दुनियाभर के कई देश हुवावे पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। ऐसे में भारत भी सुरक्षा आशंका और घरेलू विनिर्माताओं को ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठा सकता है।
इसके साथ ही एक और चीनी कंपनी जेडटीई कॉर्प को भी बैन किया जा सकता है। भारत में जेडटीई कॉर्प की उपस्थिति तो कम है, लेकिन इन दोनों ही कंपनियों पर चीन सरकार के लिए जासूसी का आरोप लग चुके हैं।
बैन के बाद बढ़ सकती है लागत
Bharti Airtel और Vodafone Idea, हुवावे गियर का उपयोग करती हैं। वहीं, विश्लेषकों का कहना है कि इन कंपनियों के उपकरणों पर प्रतिबंध से लागत भी बढ़ जाएगी। दूरसंचार उपकरण के लाइसेंसिंग में कई ऐसी चीजे आती है जिसके तार कहीं न कही देश के रक्षा मामले से जुड़े होते है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि देश की गोपनीयता पर किसी तरह का खतरा आए।
एक अधिकारी का कहना है कि वे चीन के कुछ निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने की तैयारी में हैं, लेकिन दूरसंचार और वित्त क्षेत्र में कोई मंजूरी नहीं देंगे।



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