शिव रात्रि के दिन काशी में ठंडई भाग का सभी मंदिरों में दिन भर चला भंडारा।
भगवान शिव भांग ठंडई, धतुरा मंदार से होते है प्रसन्न।।
सौकडो वर्षों से लहरतारा में भंडारा की परंपरा ।। राकेश जयसवाल।
वाराणसी। सैकड़ों वर्षों से शिव मंदिर लहरतारा में ठंडई भांग के भडारा की रही परंपरा,भगवान शिव इसी से होते हैं प्रसन्न।यह बात शिवरात्रि के दिन सामाजिक कार्यकर्ता राकेश जायसवाल ने भंडारा के समय मिडिया से कहीं।
शिव मंदिर लहरतारा में सुबह से सात पंडितों द्वारा रूद्राभिषेक पश्चात विशाल भंडारा का सफल आयोजन हुआ।भक्तों की टीम ने यह कार्यक्रम आपसी सहयोग से संपन्न किया।जिसमें मंदिर के पूजारी जी ने बताया कि मंदिरों का शहर , घाटों का शहर ,काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर खड़ा है यहां कभी शूल यानि कष्ट किसी भक्त को नही आता नव रस से सुसज्जित बनारस स्वर्ग जैसी छटा बिखेरे हुए हैं।यहां पूरे नगर में शुबह से शाम तक भक्त शिव की भक्ति में लीन रहते हुए , एक दिन पहले से ही पंचकोसी परिक्रमा करते हैं। भगवान शिव का धाम साक्षात मोक्ष का धाम कहा जाता है।देश विदेश से भक्त आकर शिव की जटा से निकली गंगा में स्नान कर गंगाजल और दूध से अभिषेक करते हैं।यहां आदि अनादि देव महादेव का जयकारा हर हर महादेव हर गली मूहल्ले में लगता है। संतोष त्रिपाठी संत जी ब्यूरो चीफ जन मिडिया टीवी वाराणसी।


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