उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी अब संविदा कर्मी और आंगनबाड़ी भी करेंगी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पूरे जिले में एक साथ होगा। चुनाव की तैयारियां बहुत तेजी से चल रही हैं। प्रशासन के लिए शांतिपूर्वक चुनाव कराना तो चुनौती है ही सबसे बड़ी समस्या कर्मचारियों की आ रही है। जितने कर्मचारियों की जरूरत बूथों पर चुनाव कराने की है उतने कर्मचारी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में अब प्रशासन सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कर्मचारियों का डाटा भी फीड करा रहा है। इसके बाद भी कर्मचारियों की संख्या को लेकर माथापच्ची हो रही है।
पंचायत चुनाव के लिए कुछ जिले में 4500 बूथों पर मतदान होना है। एक बूथ पर पीठासीन अधिकारी सहित चार कर्मचारियों की जरूरत है। इसके अलावा करीब बीस प्रतिशत रिजर्व कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके अलावा आरओ, एआरओ, प्रभारी अधिकारी, सहायक प्रभारी अधिकारी की तैनाती होती है। साथ ही जोनल मजिस्ट्रेट करीब 30 व सेक्टर मजिस्ट्रेट 156 की जरूरत है। इसमें करीब पांच सौ से ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। पूरी व्यवस्था में 22 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत होगी। जबकि जिले में सरकारी कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। ऐसे में अब बड़ी समस्या यह आ रही है कि चुनाव में सभी बूथों पर कैसे मतदान कराया जाए। बताया जाता है कि कर्मचारियों की संख्या पूरी करने के लिए अब सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों का डाटा भी फीड कराया गया है। इसमें रोजगार सेवक, शिक्षामित्र, विभागों के संविदा कर्मचारियों के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का डाटा भी फीड कराया जा चुका है। करीब पौने आठ हजार संविदा कर्मचारियों का डाटा फीड है। इन सभी को चुनाव में लगाया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि डाटा करीब 28 हजार कर्मचारियों का फीड हो चुका है। सूत्रो के अनुसार संविदा कर्मचारियों को भी चुनाव ड्यूटी पर भेजा जाएगा। फिलहाल प्रभारी अधिकारी कार्मिक ने इसको लेकर बैठक की है और कर्मचारियों की ड्यूटी पर चर्चा की गई।


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