सौरभ शुक्ला कल्लू मामा के नाम से मशहूर हैं सौरभ शुक्ला ने अपने कैरियर की शुरुआत 1984 में थिएटर से की थी। सौरभ शुक्ला का जन्म 5 मार्च 1973 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। इनके पिता आगरा घराने के नाम शत्रुघ्न शुक्ला एक बुक कई सारे टीवी शोज में भी नजर आने लगे इसके बाद दूरदर्शन 1994 में क्राइम ग्राम आशु तहकीकात में विजय आनंद जी के साथ काम करने का मौका मिला कुछ समय तक सौरभ शुक्ला सीरियल और थिएटर के नाटकों में व्यस्त रहते थे।
इसके बाद 1998 में सबसे बड़ा ब्रेक रामगोपाल वर्मा ने अपने परम सत्य में दिया। इस फिल्म में सौरभ शुक्ला ज्ञान स्टार कल्लू मामा के रोल में दिख रहे थे। इस फिल्म के बाद सौरभ शुक्ला कल्लू मामा के नाम से इंडस्ट्री में मशहूर हो गए सौरभ शुक्ला का खुद यह मानना है कि उनके कैरियर को बहुत ही ज्यादा फायदा नहीं हो। इंटरव्यू के दौरान सौरभ शुक्ला ने कहा कि जिस तरीके से मुझे सत्या में काम मिला था उसके बाद अभी तक मुझे कोई ऐसा काम नहीं मिल रहा है जैसी मैं उम्मीद कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि लोग मेरे काम की तारीफ तो करते थे बस मुझे काम नहीं मिलता था और इस सत्या में जो मुझे रोल मिला इसके लिए मुझे 10 साल का इंतजार करना पड़ा है| दूसरी फिल्म बर्फी और उसके बाद जौली एलएलबी धीरे-धीरे करके मेरी लाइफ को बदल दिया है और भी कई सारी अच्छी फिल्में मिली. जौली एलएलबी मूवीस सौरभ शुक्ला एक सुंदरम त्रिपाठी एक जज का किरदार निभा रहे थे. सौरभ शुक्ला ने यह भी कहा कि उनके किरदार को लोगों ने पसंद भी किया असल बात उनके लिए यह है कि अभी तक कभी भी कोर्ट नहीं गए जब अनेक जज का किरदार मिला तो उस वक्त ने सुभाष कपूर ने उस में मदद की कभी भी यह नहीं सोचा था कि उन्हें एक जज का किरदार वह भी जो जिसके बारे में वह इतना नहीं नॉलेज रखते थे वह मिलेगा बखूबी उन्होंने एक उसमें कॉमेडी के साथ भी किया था ये काम।













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