आजमगढ़ हमले में बाल बाल बचे थे योगी आदित्यनाथ
बात 2008 की है जब गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ जी अपने समर्थकों के साथ आजमगढ़ पुलिस को समझा रहे थे। कुछ दूर ही पत्थरो से टूटी गाड़ी SUV खड़ी थी। हिंदू युवा वाहिनी के सैकड़ों कार्यकर्ता पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। पुलिसिया प्रयास भी चल रहा था कि सांप्रदायिक उन्माद न फैले। क्यूंकि कुछ समय पहले ही पेट्रोल बम से योगी आदित्यनाथ जी पर हमला किया गया था।
सुनियोजित तरीके से हुआ हमला
“योगी आदित्यनाथ : दी राइज ऑफ अ सैफरॉन सोशलिस्ट” जो कि योगी आदित्यनाथ के जीवन पर लिखी हुई किताब है इसमें इस सुनियोजित हमले का विस्तृत विवरण किया गया है। किताब के अनुसार कई हिंदू दलों ने हिंदू युवा वाहिनी के तत्वाधान आतंक के खिलाफ आजमगढ़ में रैली निकालने का फैसला किया।
7 सितंबर 2008, डीएवी ग्राउंड में होने वाले इस सभा में मुख्य वक्ता के रूप में श्री योगी आदित्यनाथ जी को आमंत्रित किया गया था। और इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ 40 गाड़ियों के काफिले के साथ गोरखपुर मंदिर से आजमगढ़ को रवाना हुए। इस काफिले में योगी आदित्यनाथ 7 नंबर की गाड़ी में बैठे हुए थे। योगी आदित्यनाथ पर हमले की आशंका जताई जा रही थी, पर ये हमला कहा और कब होना था ये किसी को ज्ञात नही था।
जब काफिला आगे बढ़ा तो कई गाड़ियां योगी जी के साथ हो लिए। साथ ही पीएसी के कुछ जवान भी इसी मद्देनजर साथ चलने लगे। फिर भी किसी को हमला कहां और कैसे होगा ये नही पता था।
दोपहर डेढ़ बजे काफिले पर हुआ हमला
काफिले आगे बढ़ ही रहा था कि पहला पत्थर गाड़ी पर ठीक 1:20 पीएम पर फेंका गया। और कुछ समझ पाने से पहले ही चारो ओर से पत्थरो की बारिश सी होने लगी। इस पथराव से सभी गाड़ियों के शीशे टूट गए। चारो ओर हरकंप मचने लगा। ठीक 7 वे नंबर की SUV पर पेट्रोल बम से भी हमला होना शुरू हो गया। ऐसा लगा जैसे योगी आदित्यनाथ जी के होने की जानकारी हमलावरों को पूर्व में ही था। और इसी मद्देनजर हमले को उसी SUV पर टारगेट किया गया। कुछ हमलावर उसी एसयूवी की ओर बढ़े जिसमे योगी आदित्यनाथ जी के होने की खबर थी। इस बीच सुरक्षा के मद्देनजर पूरा काफिला 3 भागों में बट गया। जब हमलावर योगी आदित्यनाथ जी के SUV तक पहुंचे तो योगी आदित्यनाथ को न पाकर आग बबूला हो गए। और अपना सारा गुस्सा एसयूवी पर ही निकाल दिया।
घटना से कुछ मिनट पूर्व ही किए गए बदलाव से बचे योगी जी
तत्कालीन सीओ शैलेंद्र श्रीवास्तव फोर्स के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और पुलिस को तुरंत काउंटर एक्शन का आदेश मिला। पुलिस ने भी देर ना करते एनकाउंटर में एक हमलावर को मार गिराया। फिर योगी आदित्यनाथ को फौरी तौर पर खोजा जाने लगा। किंतु उनका कोई पता न चला। इस बीच काफिले में सात लोग घायल भी हुए जिन्हे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। तमाम कोशिशों के बाद ये जानकारी प्रशासन को लगी कि योगी जी आगे है और काफिले का वेट कर रहे थे।
हमले की जानकारी के बाद तकिया पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में ये निर्णय लिया गया कि योगी जी के पोजीशन को चेंज किया जाय और उन्हें पहले एसयूवी में बिठाया गया। संभवतः इस बदलाव की जानकारी हमलावरों को नही था और आखिरी मिनट में हुए बदलाव से योगी जी बाल बाल बचे।


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