Chhath Puja सुर्य पूजा का महापर्व है :छठ
दीपावली के बाद की षष्टी तिथि को सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है।
- देश भर में छठ पूजा की तैयारियां तेज
- अंग्रेजी कलेंडर के मुताबिक छठ पूजा 10 ,11नवंबर को

भारतवर्ष में पूर्वाचल का प्रमुख त्योहार छठ पूजा जिसे सुर्य षष्टी का त्योहार भी कहा जाता है बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लगभग भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों में रहने वाले पूर्वाचल के लोगों का यह त्योहार बड़ा ही आकर्षण का होता है। नाह खाय व खरना से शुरु होने वाला यह पर्व छठ वास्तव में एक महापर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान 8 नवम्बर को नहाय-खाए से छठ महापर्व की शुरूआत, 9 नवम्बर को खरना, 10 नवम्बर को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 11 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य हिन्दू कैलेंडर के कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को यानी दिवाली के छठे दिन छठ पूजा मनाया जाता है।

गुरुवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत का पारण किया जाएगा। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत पूरा हो जाएगा। छठव्रतियों ने मंगलवार को दिन भर निर्जला रहकर संध्या समय खरना का प्रसाद बनाने की तैयारी शुरू कर दी। व्रतियों ने मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से साठी चावल,गुड़ और गाय के दूध से खीर बनायी । उसके बाद रोटी बनाकर केले के पत्ते पर केला, आदी, मूली तथा अन्य फलों के साथ नैवेद्य अर्थात् नेवज लगाकर पूजा की। इस अवसर पर व्रतियों के परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इसके साथ ही व्रतियों के घरों में चहल-पहल बढ़ गयी और सभी सांध्यकालीन अर्घ्य की तैयारी में जुट गये

अर्घ्य देते समय पढ़ें सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)-
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
सूर्यदेव मंत्र (Chhath Puja Surya Dev mantra)-
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते।।
छठ मइया की आरती (Chatth Puja Aarti)-
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।। जय।।
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।
ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।।जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार छठ पर्व 10 नवंबर को मनाया जाएगा. ऐसे में दिवाली खत्म होते ही घाटों को साफ करने और सजाने का काम भी शुरू हो गया है। सबसे कठिन व्रत में से छठ को लेकर मान्यता है कि छठी मइया का व्रत रखने वाले व विधि-विधान से पूजा करने वाले दम्पति को संतान सुख की प्राप्ति और परिवार में सुख समृद्धि आती है। सूर्य देव और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित इस महापर्व की तैयारी शुरू हो चुकी है। मुख्य रूप से तीन दिवसीय इस पर्व को सादगी और पवित्रता के साथ मनाया जाता है। दिवाली के बाद की षष्टी तिथि को सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है।
दिल्ली में छठ को लेकर तैयारियां जोर पर
इधर पूर्वाचल से जूडे जनप्रतिनिधियों ने दिल्ली में छठ माई धाटों का निरीक्षण कर प्रशासन से छठ घाटों में सफाई इत्यादि कराने का आग्रह किया है। इस दौरान पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने छठ धाटो का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं के लिए किए जा रहे इतजामों को देखा। पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने विभिन्न जगहों पर वन रहे छठ घाटों का निरीक्षण किया। और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस वार छठ पूजा को भव्य रुप से मनाने की तैयारियां समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। वही दिल्ली सरकार की तरफ से बने छठ धाटो की साफ सफाई व उचित व्यस्था करने के भी निर्देश दिए गये।
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सामाजिक सौहार्द, सद्भावना, समृद्धि, शांति, सादगी, लोक आस्था एवं सूर्य उपासना के महापर्व छठ की आपको और आपके समस्त प्रियजनों को अशेष शुभकामनाएं। भगवान भास्कर हम सभी के जीवन को अपने दिव्य ज्योति से प्रकाशमय करें। जय छठी मैया।
शुभकामना के साथ💐🌷🙏



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