Jan Media TV

जनता की खबर , जनता तक

Advertisement

काशी में यदि रहना है तो पहले लेना पड़ता है यहां के कोतवाल से इजाजत।

।। प्रत्येक दिन ।।
में आज विशेष।।”काशी के कोतवाल बाबा” ।।श्री काल भैरव जी के दर्शन।। गंगा तट पर बसे काशी में भोलेनाथ के बाद यदि किसी का महत्व है, तो वो हैं काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव। ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ के इस शहर में रहने के लिए बाबा काल भैरव की इजाजत लेना जरूरी है। वही इस शहर के प्रशासनिक अधिकारी हैं। इसीलिए उन्हें ‘काशी का कोतवाल’ कहा जाता है। बाबा काल भैरव का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर शहर के मैदागिन क्षेत्र में स्थित है।
भगवान शंकर की इस नगरी में उनके बाद बाबा काल भैरव का ही सबसे बड़ा स्थान है। बाबाविश्वनाथ इस शहर के “राजा” हैं और बाबा काल भैरव इस शहर के “सेनापति” हैं। यहाँ उनकी मर्जी चलती है, क्योंकि वही शहर की पूरी व्यवस्था संभालते हैं।#प्रत्येकदिनचारबारहोतीहैआरती :◆बाबा काल भैरव मंदिर में रोज 4 बार आरती होती है, जिसमें रात की शयन आरती सबसे प्रमुख है। आरती से पहले बाबा को स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता है, लेकिन उस दौरान पुजारी के अलावा किसी और को मंदिर के अंदर जाने की इजाजत नहीं होती है। बाबा की पूजा का तरीका भी बेहद साधारण है। बाबा को सरसों का तेल चढ़ता है। उनके पास एक अखंड दीप हमेशा जलता रहता है। भक्त उसमें तेल डालते हैं, इससे वो पाप मुक्त हो जाते हैं और भय दूर हो जाता हैं।।।।हर हर महादेव।।🚩

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *