प्रयागराज नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में वोटों के प्रबंध से भाजपा बाजी मार ले गई भितरघात से सपा को झटका भाजपा की रणनीति कामयाब
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में वोटों के प्रबंधन से भाजपा बाजी मार ले गई जबकि सपा को भितरघात के कारण हार का सामना करना पड़ा। उसके दो प्रत्याशियों में एक ही जीत सका। कांग्रेसमें किसी तरह एकमात्र प्रत्याशी को जीता कर अपने लाज बचाई ।सभी दलों के 80 पार्षदों में अधिकतर बाहर से तो अपने दल के साथ रहे लेकिन प्रत्याशी के पक्ष में मतदान नहीं किया। भाजपा के नगर निगम सदन में पदेन सदस्यों और अध्यक्ष महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी के 42 मत हैं। भाजपा प्रत्याशी अखिलेश सिंह, रोहित मालवीय ,रिंकी यादव, दिलीप जायसवाल दीपू को प्रथम वरीयता के मिले मतों से साफ है कि वोट प्रबंधन की रणनीति से मतों का ध्रुवीकरण हुआ भाजपा ने प्रति पार्षद 10 10 वोटों का प्रबंध किया था ।जीते पार्षदों में दो को 14-14एक को 13 तथा एक अन्य प्रत्याशियों को 12 वोट समेत कुल 53 वोट मिले। रणनीति बनाने में वरिष्ठ पार्षद रतन दीक्षित आदि शामिल रहे ।सपा ने पार्टी के 24 पार्षदों के साथ प्रथम वरीयता के 12 मत हासिल करने की रणनीति बनाई थी। पदेन सदस्यों के साथ पार्टी के प्रति निष्ठा से मतदान किया जाता तो दोनों प्रत्याशी प्रथम चक्र की गणना में ही जीत जाते। प्रत्याशी अमरजीत यादव और रमीज अहसन निश्चिंत थे लेकिन परिणाम चौंकाने वाले रहे। अमरजीत को 9 वोट पाकर जीत गए लेकिन रमीज को कुल 8 वोट मिले और वह दौर में बाहर हो गए। सर्वाधिक भितरघात सपा में ही हुआ। पार्षदों ने दूसरे दलों के प्रत्याशियों को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई। कांग्रेस ने 10 वोटों के सहारे सिर्फ एक प्रत्याशी सुशील को मैदान में उतारा कांग्रेसका चुनावी प्रबंधन ही रहा कि नेताओं ने दूसरे दलों के साथ कुछ निर्दल पार्षदों ने सहयोग मांगा परिणाम से साफ है कि कांग्रेस के वोट भी दरके लेकिन बाहरी जुगाड़ से बात बन गई ।चुनाव के बाद कार्यकारिणी में भाजपा के आठ सदस्य हो गए हैं जो कि उपाध्यक्ष पद के चुनाव में जीत के लिए पर्याप्त है ।भाजपा प्रवक्ता व नामित पार्षद पवन श्रीवास्तव ने कहा कि पार्षद कार्यकारिणी में भाजपा की जीत के साथ-साथ हिंदुत्व की भी जीत हुई है।


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