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Prayagraj : सनातन संस्कृति के उपादानों द्वारा ही प्रयागराज का तीर्थराजत्व सुरक्षित-प्रो गिरीश चन्द्र त्रिपाठी

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*सनातन संस्कृति के उपादानों द्वारा ही प्रयागराज का तीर्थराजत्व सुरक्षित-प्रो गिरीश चन्द्र त्रिपाठी*

कीर्तिशेष पं0 फूलचन्द्र दुबे की द्वितीय पुण्यतिथि श्री निम्बार्क आश्रम , में भारतीय सांस्कृतिक परिषद के तत्वावधान में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय श्री नीरज तिवारी जी रहे। विशिष्ट अतिथि महापौर श्री उमेश चन्द्र गणेश केशरवानी ने कीर्तिशेष दुबे जी को श्रद्धाँजलि देते हुये प्रयागराज की सनातन एवं पौराणिक महत्ता को अक्षुण्ण रखने के प्रयासों हेतु अपने संकल्प पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में पूज्य सन्तों ने कीर्तिशेष दुबे जी के सन्तों के प्रति समर्पित सेवा की स्मृतियों को सजीव करते हुये उनको अपनी भावभीनी श्रद्धाँजलि अर्पित किया। सन्तों ने प्रयागराज में माँ गंगा के तटों पर हरित व्यवस्था, अविरल धारा एवं प्रयागराज के अन्यान्य पौराणिक स्थलों के सुन्दरीकरण तथा उनके आध्यात्मिक-धार्मिक महत्व को बनाये रखने हेतु अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामानुजाचार्य श्री धराचार्य जी महाराज ने किया। पूज्य सन्तों में स्वामी ओमानन्द जी, स्वामी विश्वेश्वरानन्द जी, स्वामी सुदर्शनाचार्य जी, कृपा महाराज जी, जगद्गुगुरु रामानुजाचार्य श्री घनश्यामाचार्य जी, जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री नारायणाचार्य जी, आदि सन्तों ने सनातन संस्कृति एवं प्रयागराज के अन्तर्सम्बन्धों की चर्चा करते हुये कीर्तिशेष पं फूलचन्द्र दुबे जी के कार्यों का यशोगान किया। कार्यक्रम के पावन अवसर पर आतिथेय श्री महन्त राधामाधव दास जी ने सभागत सन्तों, विद्वत् जनों एवं अतिथियों का वाचन अभिनन्दन किया। स्वामी रामदास जी ने सनातन संस्कृति का वैशिष्ट्य प्रतिपादित करते हुये स्व पं फूलचन्द्र दुबे जी के अवदानों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति प्रो गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने सनातन संस्कृति के उपादानों से प्रयागराज के तीर्थराज के स्वरुप एवं महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये। विश्व हिन्दू परिषद्, काशी प्रान्त के अध्यक्ष पूर्व आई जी के पी सिंह ने कीर्तिशेष पं दुबे जी द्वारा सन्तों की सेवा एवं प्रशासनिक तालमेल में सहयोग की सहृदय चर्चा करते हुये उनको अपनी भावभीनी श्रद्धाँजलि दी। परिषद् द्वारा कीर्तिशेष पं फूलचन्द्र दुबे जी की पुण्य स्मृति में सनातन एकता मिशन के अध्यक्ष अशोक पाठक, व्यवसायी एवं समाजसेवी प्रमोद बंसल, वरिष्ठ दंत चिकित्सक डाॅ रंजन बाजपेई, प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष सुभाष पाण्डेय को अंगवस्त्रम, पुष्प गुच्छ एवं प्रशस्तिपत्र से सम्मानित किया। वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ एल एस ओझा ने दुबे जी के कृतित्व की सराहना करते हुये उनको अपनी श्रद्धाँजलि अर्पित किया। कार्यक्रम में जनपद ही नही अपितु प्रदेश के नामचीन कवियों ने काव्यपाठ कर कार्यक्रम में समाॅ बाँध दिया। कवियों में शिवराम उपाध्याय ‘मुकुल मतवाला’, के पी गिरी, श्रीराम मिश्र ‘तलब जौनपुरी’, महक जौनपुरी, नीलिमा मिश्रा, चित्रा चतुर्वेदी, सन्तोष शुक्ल ‘समर्थ’ जितेन्द्र मिश्र’जलज’, अमित जौनपुरी, योगेश झमाझम, कमलनारायण शुक्ल, नजर इलाहाबादी जगदम्बा शुक्ल आदि कवियों ने काव्यपाठ से श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ शम्भूनाथ त्रिपाठी’अंशुल जी ने किया। भारतीय सांस्कृतिक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश दुबे , कमलेश दुबे, भजन सम्राट रत्नेश दुबे एवं महानगर अध्यक्ष सतीश कुमार गुप्त ने अभ्यागत् पूज्य सन्तगण , अतिथियों का माल्यार्पण कर अभिनन्दन कर शुभाशीष प्राप्त किया। राजेन्द्र कुमार तिवारी”दुकान जी ने हनुमान चालीसा की पुस्तक समस्त अभ्यागत जन में वितरित कर अपने परिवार में प्रतिदिन पाठ करने का आह्वान किया। सनातन संस्कृति एवं धर्म प्रवर्तन का एक सशक्त माध्यम बताया। दुर्गेश दुबे ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में राजेन्द्र पालीवाल, गुड्डू शास्त्री, डाॅ अनन्त कुमार गुप्त, डाॅ वी के सिंह, उपेन्द्र मिश्र, तीर्थराज पाण्डेय, श्याम सूरत पाण्डेय, शैलेन्द्र द्विवेदी, लक्ष्मण दास जी, शशी केशरवानी, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, कुलवीर सिंह, अनिरुद्ध ओझा, सत्यव्रत मिश्र, सुधीर द्विवेदी, पंकज पाण्डेय, आशुतोष जायसवाल आदि महानुभावों की महती उपस्थिति रही।

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