जन मीडिया टीवी के एक शो में 12 वीं के होने वाले बोर्ड एग्जाम पर चर्चा हुई जिसमें विविड फाऊंडेशन से शशी झा, 12वीं की छात्रा शुभांगी, दिल्ली से शिक्षिका अनुभा और सीमा मौजूद थे।
अभिभावक शशि जा ने कहा कि “मैं सरकार तक यह बात पहुंचाना चाहती हुं की 12वीं कक्षा के जो छात्र है वो छह महीना पीछे चले गए हैं।” उन्होंने बताया कि सरकार ने फैसला लेने में बहुत देर कर दिया है। सरकार को यह परिक्षा तब करानी चाहिए थी जब देश के हालात थोड़े बेहतर थे लेकिन सरकार चुनाव में व्यस्त थी। सरकार को ऑनलाइन एग्जाम करवाना चाहिए था क्योंकि उन्होंने एग्जाम कराने में बहुत देर कर दी है।
शिक्षिका अनुभा ने कहा कि अब बच्चों के पास एक नया रास्ता तो है जिससे वह आगे के लिए तैयारी कर सकते हैं और आगे काॅलेज की पढ़ाई के लिए अप्लाई भी कर सकते है। क्योंकि उन्हें अपने आगे की पढ़ाई के लिए सर्टिफिकेट चाहिए था और वह मिल जाएगा लेकिन सरकार को यह परिक्षा ऑनलाइन करानी चाहिए।
शुभांगी ने बताया कि पहले बच्चे पढ़ते थे लेकिन जब से कोरोना की वजह से एग्जाम डेट फिक्स नहीं हुई तब से बच्चों ने पढ़ना छोड़ दिया। साथ ही शुभांगी का यह भी कहना है कि जो एग्जाम की जो ड्यूरेशन रखी गई है उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। अगर कोरोना होना होगा तो वह 1.5 घंटे में भी हो सकता है और 3 घंटे में भी हो सकता है।




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