इन दिनों जहां कोरोना के संक्रमण से पूरा विश्व परेशान है और कोरोना से छुटकारा पाने की फिराक में हैं, वहीं भारत के उत्तर प्रदेश में एक ऐसा राज्य है जो इन दिनों कोरोना का गढ़ बना हुआ है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के एक गांव हारीमऊ में पिछले एक महीने में 20 लोगों की मौत हो चुकि है जिससे पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। इसके साथ ही गांव वालों का आरोप है कि इतनी मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग उनकी खोज खबर नहीं ले रहा उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। आपको बता दे कि देश जगह-जगह वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही है लेकिन इस गांव में तक ना तो सैम्पलिंग हुई और ना सैनिटाइजर का छिड़काव हुआ है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने इन आरोपों से इनकार किया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गांव में कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और लगातार छिड़काव आदि किया जा रहा है. अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो गांव वाले या फिर स्वास्थ्य विभाग ही जानें।
दरअसल उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के एक गांव हारीमऊ में पिछले एक महीने में 20 लोगों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। हारीमऊ गांव के एक निवासी का कहना है ये सच्चाई है कि 17-18 मौतें हुई हैं. एक-एक घर से तीन-तीन लाशें निकली हैं। इसके साथ ही को फोन किया जाता है, आती है. वो मरीज को उठाते तक नहीं. अगर घर वाले नहीं उठाते हैं तो एंबुलेंस वापस चली जाती है।UU बीमार लोगों को आशा बहुएं आकर दवा देकर चली जा रही हैं।
इस पूरे मामले पर अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) आशुतोष दुबे का कहना है कि, वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीणों को स्वास्थ्य केंद्र पर आना पड़ेगा. वैक्सीन का एक प्रोटोकॉल है. वैक्सीन गांव में नहीं लगाई जा सकती है. पूरे गांव में छिड़काव कराया गया है. लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान कर दवा दी गई है. सैंपलिंग कराई गई है.


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