परशुराम जयंती का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है। इस साल 14 मई 2021 को परशुराम जयंती मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। भगवान परशुराम को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। उन्हें जगत का पालनहार भी माना जाता है।
त्रेता युग में इस दिन भगवान परशुराम का जन्म ऋषि जमदग्नि और रेणुका के यहां हुआ था। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। कहा जाता है कि आज भी धरती पर भगवान परशुराम जीवित हैं। भगवान परशुराम का जिक्र महाभारत और रामायण में भी है। भगवान परशुराम वीरता और महानता के प्रतीक माने जाते हैं, वह एक शिव भक्त थे। शास्त्रों में उन्हें अमर माना गया है।
पौराणिक आख्यानों में वर्णन है कि भगवान परशुराम का जन्म छह उच्च ग्रहों के संयोग में हुआ था जिस कारण वे परम तेजस्वी, ओजस्वी, पराक्रमी और शौर्यवान थे। वे माता-पिता के परम आज्ञाकारी पुत्र थे। उन्होंने पिता के कहने पर अपनी ही माता का सिर काट दिया था और पिता से वरदान स्वरूप माता को जीवित करवा लिया था।
दक्षिण भारत के उडुपी के पास परशुराम जी का बड़ा मंदिर है। कल्कि पुराण के अनुसार, जब कलयुग में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि अवतरित होंगे, तो परशुराम जी ही उनको अस्त्र-शस्त्र में पारंगत करेंगे। भगवान राम से मुलाकात के बाद परशुराम जी भगवान विष्णु के अन्य अवतार से मिलेंगे।




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