कोरोना के प्रचलित इलाज के मुकाबले मरीजों को दो से ढाई दिन पहले ठीक कर देने वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) की खोज करने वाले वैज्ञानिकों के दल के प्रमुख डॉ. अनिल कुमार मिश्र बलिया के मूल निवासी हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से जुड़े डॉ. मिश्र विज्ञान के क्षेत्र में कई सम्मान हासिल कर चुके हैं।
एक महत्वपूर्ण क्षण 1999 में प्रधानमंत्री के हाथों युवा वैज्ञानिक अवार्ड से सम्मानित होने का था। उस समय वह डीआरडीओ से जुड़ चुके थे।
डॉ. मिश्र की बचपन से ही विज्ञान में रुचि थी। गोरखपुर विश्वविद्यालय से 1984 में एमएससी करने के बाद उन्होंने बीएचयू के रसायन शास्त्र विभाग से 1988 में पीएचडी पूरी की। इसके बाद वह फ्रांस चले गए और वहां बॉरगॉग्ने विश्वविद्यालय में नामचीन विज्ञानी प्रो. रोजर गिलार्ड के साथ तीन साल तक काम किया। डॉ. मिश्र ने फिर अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रो. सीएम मेयर्स के साथ रसायन शास्त्र के विभिन्न पक्षों पर शोध किया। वह 1994 से 1997 तक फ्रांस नैंटेस शहर में इंस्टीट्यूट नेशनल डी ला सैंट एट डी ला रिसर्च मेडिकल (इन्सर्म) में रिसर्च साइंटिस्ट नियुक्त हो गए। यहां उनके मार्गदर्शक प्रो. कैटल थे।



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