Neem Karoli : हांडी वाले बाबा, टिकोनिया बाबा! ये कहानी नहीं जानते होंगे आप
भारत भूमि संतों की भूमि है, यहाँ कई बाबा ऐसे है जो चमत्कारिक रहे ! उन्होंने लोगों को रास्ता दिखाया कि कैसे जीवन जिए ! जब लोग उनके प्रत्यक्ष चमत्कारों को लोगों ने देखा तो उन्हें भगवान कहने लगे ! लेकिन उन्होंने कहा कि वे भगवन नहीं उनके अनन्य भक्त है !
आज उन्ही आदर्शवादी बाबाओं में एक नाम कैंची धाम के नीम करौली बाबा का भी है ! वे कई जानीमानी हस्तियों के गुरु है ! वे सिर्फ भारत में ही नहीं अमेरिका से १९६०-७० में आये कई अमेरिकन के भी गुरु और पथ प्रदर्शक है !
नीम करौली बाबा का प्राम्भिक नाम लक्षमण दास शर्मा था और लगभग १९०० ईसवी में जन्म हुआ था ! वे एक सभ्रांत ब्राह्मण परिवार अकबरपुर फैज़ाबाद से थे ! जब वे ११ साल थे तब उनके पिता ने उनकी शादी कर दी थी और वे तब घर छोड़कर साधू गए थे ! लेकिन बाद में पिता के कहने पर वापस गृहस्थ जीवन में लौट आये ! उनके दो बेटे और एक बेटी है !
उनके बारे में कहा जाता है कि एक बार वे बिना टिकट ट्रैन में सफर कर रहे थे तब कंडक्टर ने सोचा कि अगले आने वाले गांव में नीम करोरी, पर उन्हें ट्रैन से बहार कर देंगे ! जैसे ही गांव आया उन्होंने नीम करौली बाबा को ट्रैन रुकवाकर से बाहर कर दिया !
लेकिन नीम करौली बाबा के वहां उतरते ही ट्रैन स्टार्ट ही नहीं हुआ ! काफी समय तक जब ट्रैन नहीं चली स्थानीय लोगों ने साधू नीम करौली बाबा को ट्रैन में चढाने की गुजारिश की !
तब नीम करौली बाबा ने वहां उपस्थित अधिकारीयों से कहा कि वे आश्वासन दे कि नीम करौली इस गांव में एक स्टेशन बनाएगा और रेल अधिकारी साधुओं के साथ अच्छा बर्ताव करेंगे !
तब अधिकारियों के आश्वासन पर वे ट्रैन पर चढ़ गए ! लेकिन कुछ अधिकारी मज़ाक उड़ाते हुए बोले अब तो ट्रैन चल ही पड़ेगी !
लेकिन जैसे ही ड्राइवर ने स्ट्रार्ट किया ट्रैन स्टार्ट हो गई ! लेकिन ड्राइवर ने ट्रैन रोक दिया कि जबतक नीम करौली बाबा उसे आशीर्वाद नहीं देंगे तबतक ट्रैन आगे नहीं बढ़ाएगा !
तब नीम करौली बाबा ने उसे ट्रैन आगे चली ! कुछ पश्चात् नीम करौली स्टेशन वहां बनाया गया !
उसे विलेज का नाम पर उन्हें लोग नीम करौली बाबा बुलाते थे ! उन्हें कई अन्य नाम भी दिए गए जैसे हांडी वाले बाबा, टिकोनिया बाबा उनके कई चमत्कारों को देख कर!



Leave a Reply