मिथिला का पावन त्यौहार जुड़ शीतल आज
जुड़ शीतल यह बिहार के मिथिलांचल का त्यौहार है जो प्रतिवर्ष १५ अप्रैल को मनाया जाता है ! माना जाता है कि आज के दिन से मिटटी के कलश से ठंडा पानी पीने की शुरुआत तथा बासी भोजन खाने का अंतिम दिन माना जाता है !
सुबह २ बड़े बुजुर्ग घर के सभी बच्चों के सर पर बासी पानी डालकर जुड़े रहो आशीर्वाद देते है !
एक दिन पहले से ही इस त्यौहार की शुरुआत हो जाती है ! एक दिन पहले मिटटी के घड़े खरीदे जाते है और उनमें पीने पानी भरा जाता है ! एक दिन पहले रात को कढ़ी चावल बनाया जाता है और दूसरे दिन १५ अप्रैल को भोग लगा कर खाया जाता है !
१४ अप्रैल को सत्तू खाने और पीने को दिया जाता है !
इस महीने में धूल मिटटी ज्यादा उड़ती है तो बहने सड़को पर पानी छींट कर राह को शीतल करती है ! पर्यावरण को स्वच्छ और शीतल करने का क्रम पूरे गर्मी चलता है !



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