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चैत्र नवरात्री २०२१ व्रत करने वाले भूलकर भी न करें ये गलतियां नवरात्री में

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व्रत करने वाले भूलकर भी न करें ये गलतियां नवरात्री में

नवरात्री में अखंड ज्योत जलाया है तो घर खाली छोड़ कहीं न जाएँ !
नवरत्रि में नाखून नहीं काटें !
नवरात्री में बाल और दाढ़ी न बनवाये !
नवरात्री में प्याज लहसुन और मांस वर्जित होता है !
बिना धुले कपडे न पहने !
बेल्ट चमड़े की चीजे न उपयोग करें !
निम्बू नहीं काटें !
व्रत में दिन में न सोये !
फलहार करने में एक जगह बैठ कर करें !
दुर्गा सप्तशती का पाठ करते है तो अधूरा छोड़ न उठे !

चैत्र नवरात्री २०२१ शुभ दिनों की शुरुआत कब और कैसे ?

चैत्र नवरात्री शुभ फलों को देने वाली नवरात्रे जो चैत्र माह शुरू में होते है १३ अप्रैल २०२१ से २२ अप्रैल २०२१ तक मनाई जाएगी !

यह नौ दिनों का व्रत माँ दुर्गा के नव रूपों को दर्शाती है और प्रत्येक दिन माँ दुर्गा के निश्चित स्वरूप की विशेष पूजा अर्चना को प्रदर्शित करती है जो की इस प्रकार है !

चैत्र नवरात्रि की तिथियां २०२१

घटस्थापना – कलश स्थापना – १३ अप्रैल २०२१ स्थापना का विशेष समय – ६ AM to १०. १५ AM

पहला दिन – शैलपुत्री – 13 अप्रैल 2021

दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी – 14 अप्रैल 2021

तीसरा दिन – चंद्रघंटा – 15 अप्रैल 2021

चौथा दिन – कूष्मांडा- 16 अप्रैल 2021

पांचवां दिन – स्कंदमाता – 17 अप्रैल 2021

छठा दिन – कात्यायनी – 18 अप्रैल 2021

सातवां दिन – कालरात्रि – 19 अप्रैल 2021

आठवां दिन – महागौरी – 20 अप्रैल 2021

नौवां दिन – सिद्धिदात्री – 21 अप्रैल 2021

दसवाँ दिन – दशमी पारण – २२ अप्रैल २०२१

नौ साल की बच्चियाँ माँ दुर्गा का रूप – चैत्र नवरात्री माँ के नवरूपों की विधि विधान से पूजा की जाती है ! ऐसी मान्यता है की नौ साल से छोटी बच्चियों को माँ के विभिन्न रूपों का स्वरूप मान कर उनकी पूजा की जाती है !

कई वर्ती ऐसे होते है जो नौ दिनों का उपवास रखते है ! नव दिनों के इस खास पर्व पर कई लोग बिना अन्न और जल व्रत कर माँ दुर्गा की आराधन करते है और दसवें दिन पारण का प्रावधान है !

हठ योग और नवरात्री पर्व – ऐसा देखा जाता है की नवरात्री पर कई लोग मन्नत के अनुसार हठ व्रत करते है ! कई लोग बिना अन्न जल, तो कई हाथों पर जंत्री उगा लेते है ! कई विशेष हठ द्वारा माँ नव दिनों का विधिवत पालन करते है !

हर दिन माँ के स्वरूपों को भिन्न भिन्न रंगों, कपड़ो और आभूषणों से सजाया है ! भिन्न भिन्न तरह के भोग प्रतिदिन चढ़ाये !
अखंड लौ – अधिकांश लोग माता के घर में बने मंदिर में अखंड लौ प्रज्वलित करते है ! यह लौ पुरे नवरात्रे कभी भी बुझने नहीं देते ! अखंड लौ को जला ने की पद्द्ति काफी पुरानी है और अखंड लौ एकता का प्रतीक माना जाता है !

जगराते या जागरण – जगराते या जागरण – जगराते या जागरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें घर और आस पास के मिलकर रात भर जागरण करते है ! इस प्रक्रिया का मतलब है लोग सब भौतिक सुखो को भूल अंतरमन से ईश्वर की भक्ति में लगे ! रात भर इकट्ठे होकर मन को ईश्वर के ध्यान में केंद्रित करें ! रात भर के इस प्रकरण में लोग भजन और कीर्तन को प्रमुख जरिया मानते है ! जगराते या जागरण लोगों को वैमनस्य भूला कर शांति और सत्पथ की ओर अग्रसित करता है!

कलश स्थापना – कलश स्थापना का अपना महत्तव है ! नव दिनों तक ताँबे या मिटटी के कलश में या किसी भी शुद्ध पत्र में गंगाजल डाल कर उसमें पंच रत्नो और पञ्च तत्वों मिश्रण पूजन के बाद दिव्य गुणों के साथ सात्विकता देता है और इस जल को जब पुरे घर में छींटा जाता है तो घर, मंदिर के तुल्य हो जाता है !

to be continued ….. update this page soon

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