प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे Meerut-Delhi expressway बनकर तैयार हो चुका है। इसकी अधिकारिक शुरुआत एक अप्रैल से शुरू हो जाएगी | दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा , जिसके चलते गाड़ियों को टोल देने के लिए रुकने की ज़रूरत नही होगी | ऑटोमटिक सिस्टम से यह फास्ट टॅग का उपयोग करते हुए यह अपने आप ही कट जाएगा | दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर कुल 90 अंडर पास, 38 फ्लाईओवर, आरओबी, 8 एफओबी, 4874 लाइट लगने के साथ 197 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
४ चरणो वाले दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का पहला चरण दिल्ली के अक्षरधाम से यूपी गेट तक १४ किलोमीटर , दूसरा चरण यूपी गेट से डासना तक १९ किलोमीटर , तीसरा चरण डासना से हापुड़ तक २२ किलोमीटर , और अंतिम चौथा चरण डासना से मेरठ के बीच ३२ किलोमीटर है|
मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे सिग्नल से फ्री है। कुतुब मीनार और अशोक स्तंभ जैसे चिन्ह इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं। सुंदर ग्रीन गार्डेन हाईवे के दोनों तरफ इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं | दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोलर लाइटें लगाई गई हैं |
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे प्रॉजेक्ट की कुल लागत 8346 करोड़ है। प्रतिदिन यहां से लगभग 50,000 से 1 लाख वाहन गुजरने की संभावना है|
दिल्ली से मेरठ आने जाने वालों के लिए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर शुरुआती एक हफ्ते तक किसी तरह का टोल भी नहीं वसूला जाएगा क्योंकि अभी तक इस एक्सप्रेवे के लिए टोल की दरें तय नहीं हुई हैं, टोल की दरें तय होने के बाद से टोल वसूली शुरू होगी।



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