सुप्रीम कोर्टः रिटायर्ड नेताओं को क्यों मिले पेंशन
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सवाल किया कि पूर्व जनप्रतिनिधियों को पेंशन देना क्या करदाता पर बोझ नहीं है ।कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार ,चुनाव आयोग, लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी ।कोर्ट ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के एक एनजीओ की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की याचिका में पूर्व सांसदों और विधायकों को आजीवन पेंशन और भत्ता दिए जाने पर सवाल उठाया गया है।
आजीवन पेंशन का नियम नहीं
याचिका में कहा गया है कि पूर्व सांसदों और विधायकों को आजीवन पेंशन दी जा रही है जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यदि 1 दिन के लिए भी कोई सांसद बन जाता है तो वह न केवल आजीवन पेंशन का हकदार हो जाता है। बल्कि उसकी पत्नी को भी पेंशन मिलती है।
आम लोगों पर बोझ है व्यवस्था
एनजीओ के सचिव तथा पूर्व आईएएस अधिकारी एस एन शुक्ला ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वर्तमान जजों को भी साथी के लिए मुफ्त यात्रा का लाभ नहीं दिया जाता चाहे वह आधिकारिक यात्रा पर क्यों नहीं जा रहे है लेकिन पूर्व सांसदों को यह सुविधा मिलती है उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था आम लोगों पर बोझ हैं।
सुप्रीम कोर्टः रिटायर्ड नेताओं को क्यों मिले पेंशन



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