मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर युवा दिवस मनाया गया। इसके तहत दिनभर धरने की कमान युवाओं के हाथ में रही। मौसम ने जरूर आयोजन में खलल डाला, लेकिन किसान डटे रहे। अंधड़ के चलते किसानों का टेंट फट गया। वहीं, युवाओं ने एक लहजे में कहा कि किसान आंदोलन महज तीन कानूनों को रद्द कराने का नहीं, बल्कि लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है।
कितलाना टोल पर धरने के 89वें दिन युवा दिवस की किसान नेता राजू मान, भाकियू जिला प्रधान राकेश आर्य, संजय श्योराण, प्रवीण प्रेमनगर, नरेंद्र नाथूवास, योगेश इमलोटा, कृष्ण फौगाट, विजय मोटू, इंदु परमार, नरेंद्र झोझू, संजय यादव ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। किसान नेता राजू मान ने कहा कि सरकार निरकुंश हो गई हैं और इनकी नींद खोलनी जरूरी है। युवाओं ने कहा कि अंग्रेजों की भांति मौजूदा हुक्मरानों को कुर्सी का घमंड है और लोकतंत्र का गला घोंट रखा है।
इसलिए युवा बुजुर्गों के मार्गदर्शन में हर मोर्चे पर अडिग रहेंगे और सरकार को झुकाकर तीनों कानून रद्द करवाएंगे। कितलाना टोल पर आज सबसे पहले शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के चित्र पर माल्यार्पण के बाद दो मिनट का मौन रखा गया। किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
आयोजन पर मौसम ने खूब खलल डाला। दोपहर एक बजे अंधड़ आया जिसने धरनास्थल पर लगा टेंट हिलाकर रख दिया। जोरदार अंधड़ से टेंट के पर्दे फट गए और वहां मौजूद किसान मिट्टी और बूंदाबांदी से बचने के लिए वहां रखे गद्दों को सिर पर रखकर बचाव करते नजर आए। काफी देर बाद मौसम ठीक होने पर किसान फिर से टेंट के नीचे पहुंच गए। धरने का मंच संचालन धर्मेन्द्र छपार ने किया।



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