रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि रेलवे देश की संपत्ति है और उसका कभी निजीकरण नहीं होगा। गोयल ने रेल मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए यह टिप्पणी करते हुए कहा कि रेलवे के विकास के लिए सरकारी निवेश पर्याप्त नहीं है और निजी क्षेत्र के निवेश से विकास की गति तेज होगी। रेलवे का कोई निजीकरण नहीं किया जा रहा है और कोई ऐसा कर भी नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि देश में सड़कें बनती हैं और वे सड़कें देश की तथा सरकार की होती हैं लेकिन क्या उस पर केवल सरकारी गाड़ियां ही चलती हैं। सड़कों पर सभी तरह के वाहन चलते हैं तभी प्रगति होती है। रेलवे में भी ऐसा हो सकता है और रेल पटरियों पर अच्छी ट्रेनों के चलने से लोगों की यात्रा सुखद होगी।
साथ ही पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि देश में अभी तीन और माल ढुलाई गलियारों के निर्माण की जरूरत है। इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होगी। ऐसे में निजी निवेश से परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आएगी और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। पिछले सात वर्षों में इस सरकार के तहत रेलवे के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गए। पिछले साल सितंबर से इस साल फरवरी तक छह महीने में देश में रेलवे ने हर महीने जितनी माल ढुलाई की है, वह भारतीय रेल के इतिहास में सर्वाधिक है। अगर राज्य सरकारें सहयोग करें तो हर रेल परियोजना को समय पर पूरा किया जा सकता है।



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