काशी का पर्यटन स्थल कपोल कल्पना ही रह गया: संतोष त्रिपाठी
वाराणसी। भक्ति आन्दोलन के प्रणेता कबीर दास ने मानव जीवन की सच्चाई के संसार के पटल पर रखा।आज कबिर दास के प्राकट्य स्थल लहरतारा बनारस में कबीर पंथी संस्था के इंचार्ज गोविंदाचार्य शाश्त्री ने यह बात बताया ।
उन्होंने कहा कि मरीन बस्ती में पालित कबीर दास जिस तालाब में प्रकट हुए वह नगर का सबसे बड़ा तालाब है जिसका सौंदर्यीकरण आज तक नहीं हो पाया।तमाम लोग आते हैं कह कर चले जाते हैं। नगर निगम द्वारा एक बड़ा हाल बनाया गया था वह भी ब्यवस्थित नहीं हो पाया।अभी पर्यटन विभाग से पचास लाख रूपये कबीर प्राक्टय स्थलके विकास के लिए आया है वह भी कई महिने से हीला सवाली चल रही है।आज एक प्रेस वार्ता में बोलते हुए संस्था के प्रभारी गोविंदाचार्य जी ने दुःख सर्वार्थ किया कि इतने बड़े संत के एतिहासिक स्थल के बिकास की उपेक्षा हो रही है। अभी छत्तीश गढ़ के भक्तों ने एक बिशाल धर्मशाला बनाने का कार्य शुरू किया है। हमारी गुजारिश है कि इस संयंत्र को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रुप में विकास किया जाए।
चीफ ब्यूरो वाराणसी से संतोष त्रिपाठी संत जी की रिपोर्ट।




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