उत्तर भारत से जुड़े पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जम्मू पहुंच गए हैं जिसके बाद एक बार फिर Congress की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। जम्मू में कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को G-23 के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल पत्र लिखकर कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद काफी बवाल भी हुआ था।
शांति-सम्मेलन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि “राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं”। उन्होंने यह भी कहा कि आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं इसलिए हमारी पहचान खत्म हो चुकी है। राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। बेरोजगारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत तब तक जारी रहेगी, जब तक यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे।
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें कमजोर होती दिख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि “हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले। क्योंकि मैं समझता हूं कि जबसे वह राजनीति में आए कोई ऐसा मंत्रालय नहीं रहा, जिसमें वह मंत्री नहीं रहे। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस अनुभव को कांग्रेस पार्टी इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है।”
यूपी कांग्रेस के पूर्व चीफ और जी-23 के नेता राज बब्बर ने कहा “लोग कहते हैं- जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है। जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने।”



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