पत्रकारिता का गिरता स्तर : लोकप्रियता के लिए झूठी खबरे कितनी सही कितनी गलत ?
हरिद्वार (ब्यूरो)आजकल पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांति देखने को मिल रही हैं। 90 के दशक में जहाँ देश में कुछ विशेष अखबार, पत्रिकाएं व भारत का एकमात्र राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन होता था। तब ख़बरें बहुत ही सटीक तथ्यात्मक स्पष्ट व संतुलित होती थी। जिनमे समाज के अंदर किसी भी प्रकार से झूठी व गलत सूचनाएं …
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