केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा, क्या पूरे देश में फिर लगेगा लॉकडाउन? जानें
देश में कोरोना एक बार फिर से बेकाबू हो गया है। कोरोना ने एक बार फिर पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़े। बीते 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख 85 हजार से अधिक मामले सामने आए और इस दौरान 1025 लोगों की मौत भी हो गई। कोरोना के कहर को रोकने के लिए राज्य स्तर पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई है।कहीं नाइट कर्फ्यू लगा है तो कहीं लॉकडाउन जैसे कड़े पाबंदीलगाए हैं। इन सबके बावजूद कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
इन सबके बीच केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि बड़े स्तर पर संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बड़े स्तर पर ‘लॉकडाउन’ नहीं लगाएगी और महामारी की रोकथाम के लिये केवल स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के कदम उठाएंगे।
विश्वबैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास के साथ ‘ऑनलाइन’ बैठक में सीतारमण ने भारत को विकास के लिए और अधिक कर्ज सुविधा की गुंजाइश बढ़ाने के लिये विश्वबैंक की पहल की सराहना की। वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के फिर से फैलने को रोकने के लिये पांच सूत्री रणनीति,जांच, पता लगाना, उपचार करना, टीकाकरण और कोविड-19 को फैलाने से रोकने के लिये उपयुक्त आचरण समेत भारत की तरफ से उठाये गये कदमों को साझा किया।उन्होंने कहा, ‘दूसरी बार संक्रमण के तेजी से फैलने के बावजूद हमारा यह स्पष्ट रुख है कि हम बड़े स्तर पर ‘लॉकडाउन’ लगाने नहीं जा रहे। हम पूर्ण रूप से अर्थव्यवस्था को ठप नहीं करना चाहते। स्थानीय स्तर पर कोविड मरीजों या परिवार को अलग रखने के उपाय कराएंगे ।स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के उपायों के जरिये संकट से निपटा जाएगा। लॉकडाउन नहीं लगेगा।
विश्वबैंक के बयान के अनुसार, मालपास और वित्त मंत्री ने समूह तथा भारत के बीच सिविल सेवा और वित्तीय क्षेत्र सुधार तथा जल संसाधन प्रबंधन एवं स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी के महत्व पर चर्चा की, दोनों ने भारत में कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों के साथ घरेलू टीका उत्पादन क्षमता पर चर्चा की।मालपास ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये भारत के प्रयासों के समर्थन तथा गरीबी उन्मूलन को लेकर विश्वबैंक समूह की प्रतिबद्धता दोहरायी।


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