केंद्र सरकार की एजेंसी और आधार कार्ड बनाने वाली भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने शनिवार को यह घोषणा किया कि कोरोना संक्रमण काल में कोई भी संस्था किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड न होने की स्थिति में काम करने से मना नहीं कर सकती है।
UIDAI ने बताया कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है या फिर किसी कारण से ऑनलाइन वैरिफिकेशन नहीं हो पा रहा है तो संबंधित एजेंसी या डिपार्टमेंट को आधार कानून 2016 के सेक्शन 7 के तहत उनका काम पूरा करना होगा। संबंधित कंपनी या एजेंसी उसे रोक नहीं सकती।
वहीं 13 मई को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी कोरोना टीकाकरण को लेकर लिए उस फैसले को वापस ले लिया था जिसमें यूपी में कोरोना टीकाकरण के लिए स्थानीय निवासी और आधार कार्ड की बाध्यता थी। अब यूपी में कोरोना टीकाकरण के लिए स्थानीय निवासी और आधार कार्ड की बाध्यता नहीं होगी। अब यूपी में निवास करने का कोई भी दस्तावेज देने पर टीकाकरण होगा। यहां रहने वाला 18 से 44 आयु वर्ग के सभी लोग अपना व परिवार के सदस्यों का टीकाकरण करा सकते हैं।



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