भारत के पड़ोसी मुल्क चीन ने रची साजिश और इस हमले की आड़ में खुद को बना लिया इकॉनमी किंग। कम से कम अमेरिका के ताज़ा दावे के मुताबिक तो ये बाते सही लग रही है। असल में अमेरिका ने दावा किया है कि उसे कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे ये खुलासा होता है कि कोरोना के पीछे चीन की बड़ी साजिश हो सकती है। कोरोना वायरस क्या किसी लैब से निकला है या फिर सच में किसी वेट मार्केट से ।चीन ने दुनिया को इसके बारे में सही से बताया या नहीं बताया, इसी तरह के कई सवाल लगातार उठ रहे हैं।

कोरोना की शुरुआत के साथ ही ये चर्चा भी तेज़ हो गई थी की ये कोई वायरस नहीं है, बल्कि जैविक हथियार है, जिस पर चीन काम कर रहा था। अमेरिका और ब्राजील जैसे देश साफतौर पर कह रहे हैं कि चीन ने कोरोना वायरस को बायोलॉजिकल हथियार के तौर पर तैयार किया है, कई देशों ने तो इस मामले में चीन की जांच करने की मांग भी की है।
लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है कि उसके मुताबिक, चीन 2015 से ही SARS कोरोना वायरस को सैन्य क्षमता के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा था… कई अधिकारी तो अब भी ये मानते हैं कि वायरस चीनी लैब से ही निकला है, इसमें बताया गया है कि तीसरा विश्व युद्ध बायोलॉजिकल हथियारों पर ही लड़ा जाएगा।


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