प्रयागराज में निजी स्वास्थ्य संस्थानों के दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स अमान्य
जिले में विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में फिजियोथिरेपी, ऑप्टोमेट्रिस्ट सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में संचालित डिप्लोमा कोर्स अब अमान्य हो गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य क्षेत्र में एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल्स के लिए नया एक्ट लागू किए जाने के बाद से प्रवेश ले चुके छात्र-छात्राओं के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। निजी संस्थानों ने प्रदेश सरकारों से मान्यता लेकर तमाम तरह के दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स संचालित कर रखे हैं। केंद्र सरकार ने 28 मार्च को ही द नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशंस एक्ट 2021 को लागू किया है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में संचालित 10 कोर्सों की मॉनिटरिंग करते हुए कोर्सों को संचालित करने वालों को मान्यता देगा। इस एक्ट को पूरे देश में लागू किया गया है। इससे जिले में एक दर्जन से अधिक निजी संस्थानों में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने फिजियोथिरेपी, ऑप्टोमेट्रिस्ट सहित अन्य कोर्सों में प्रवेश ले रखा है। हर संस्थान में एक-एक कोर्स में 30 से 40 सीटें हैं। जानकारों के मुताबिक गैर सरकारी संस्थानों की ओर से दो वर्ष का डिप्लोमा कोर्स कराए जाने के बदले अच्छी खासी फीस वसूली जा रही हैं लेकिन नए एक्ट के लागू होने के बाद अब खासकर निजी संस्थानों की ओर से संचालित डिप्लोमा कोर्स अवैध हो गए हैं।


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