पृथ्वी लोक की अभिवृद्धि के लिए ब्रह्मा जी ने अपने मुख से ब्राह्मण, बाहु से क्षत्रिय, जाँघ से वैश्य तथा चरणों से शूद्र उत्पन्न किये !
ब्रह्मा जी के चार मुख से चार वेदों का उद्भव हुआ ! ब्रह्मा जी के पूर्व मुख से ऋग्वेद जिसे वशिष्ठ मुनि ने ग्रहण किया ! ब्रह्मा जी के दक्षिण मुख से यजुर्वेद जिसे यञवल्क मुनि ने ग्रहण किया ! ब्रह्मा जी के पश्चिम मुख से सामवेद जिसे गौतम मुनि ने ग्रहण किया ! ब्रह्मा जी के उत्तर मुख से अर्थर्ववेद जिसे शौनक मुनि ने ग्रहण किया ! ब्रह्मा जी के पंचम उर्ध्व मुख से अट्ठारह पुराण, इतिहास, स्मृति, और यमादि उत्पन्न हुए !
source – bhavishya puran



Leave a Reply