Champawat News American and Italian Apple Farming अमेरिकन और इटालियन प्रजाति के सेब का उत्पादन कर रहे चम्पावत के भीम सिंह
- जंगली जानवरों से बचाने के लिए चकबंदी की है दरकार
ललित मोहन गहतोड़ी/के. एन .नैनवाल
उतराखड के सीमान्त चम्पावत जिले के मौनपोखरी स्थित कठनौली के भीम सिंह तीन वर्षों से करीब दस नाली इकट्टी जमीन में एक से एक उन्नत किस्म के विदेशी सेब का उत्पादन कर रहे हैं. लगाने के तीसरे वर्ष बाद लगभग सभी पौंधे अब एक एक कर फल देने लगे हैं. इस कार्य को कर इन्होंने स्थानीय स्वरोजगार का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है. उधर जिले के एक एनजीओ की ओर से काश्तकार की इस परेशानी को देखते हुए भीम सिंह की जमीन को चकबंदी किए जाने का विकल्प सुझाया है.
चम्पावत जिले के मौंन पोखरी स्थित कठनौली निवासी काश्तकार भीम सिंह पिछले तीन वर्षों से अपने सेब के बगीचे में ढाई हजार से ज्यादा पौंधे लगा चुके हैं. इनके बगीचे में उत्पादित विदेशी किस्म के सेब अब फल देने लग गये हैं जिनका बाजार भाव लगभग तीन सौ 50 रुपये किलो से भी ज्यादा होती है.
भीम सिंह का कहना है कि उनके बगीचे के सेब और अन्य कोमल पौंधों को हिरन सहित अन्य जंगली जानवर खाकर बगींचे को नष्ट कर रहे हैं.इस बीच भीम सिंह ने अपना सेब का फलदार बगीचा जंगली जानवरों से बचाए जाने को लेकर गुहार लगाई है.
काली कुमाऊं चंपावत के भीम सिंह अमेरिकन और इटली इटालियन प्रजाति के उत्तम किस्म के सेब का उत्पादन करके चम्पावत जिले में एक मिसाल बनकर उभरे हैं. भीम सिंह ने बताया कि वर्तमान भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी की ओर से उनके गार्डन तक संपर्क स़ड़क पहुंचा दी गई है और आगे भी हर संभव मदद का वायदा किया गया है. लेकिन जिले के कृषि एवं उद्यान विभाग की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कहा कि सिंचाई के लिए हौज के साथ ही गूल की जरूरत है. काश्तकार की ओर से जंगली जानवर हिरनो से सेब के बगीचे को बचाए जाने के लिए सोलर पावर प्लांट स्थापित करने मांग की गई है. इस काश्तकार के राह में आ रही मुश्किलों को समझते हुए परमात्मा की राह एनजीओ के चंद्रकांत ने कृषि और उद्यान विभाग को पत्र के माध्यम से भीम सिंह की समस्या को अवगत कराते हुए इनकी जमीन की चकबंदी बात कही है.



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