Jan Media TV

जनता की खबर , जनता तक

Advertisement

Somnath Temple Gujarat सोमनाथ मंदिर से जुड़े अनसुलझे रहस्य

images 33

Somnath Temple Gujarat सोमनाथ मंदिर से जुड़े अनसुलझे रहस्य

सोमनाथ मंदिर से जुड़े अनसुलझे रहस्य

YouTube player
Somnath Temple Gujarat सोमनाथ मंदिर से जुड़े अनसुलझे रहस्य

3 असाधारण इंसान जिनका जबाब विज्ञान भी नहीं दे पाया

कान्हा देव जो कि जालौर के राजा थे, उन्होंने बाद में खिलजी की सेना को हराकर खंडित शिवलिंग को वापस प्राप्त किया और सभी बंदियों को मुक्त कराया। कहते हैं 1395 में इस मंदिर को फिर से नष्ट कर दिया गया था। और 1491 में  गुजरात के सुल्तान महमूद बेंदा इसे अपमानित भी किया था। 1546 ईसवी में गोवा में स्थित है पुर्तगाली ने सोमनाथ में गुजरात के बंदरगाह और कस्बा पर हमला किया और कई मंदिरों को नष्ट कर दिया। जिनमें सोमनाथ मंदिर भी एक था। वर्तमान समय में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण भारत के स्वतंत्रता के पश्चात लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया था।
सोमनाथ मंदिर के दक्षिण में समुद्र के किनारे पर एक स्तंभ मौजूद है। उसके ऊपर एक तीर रखकर संकेत किया गया है की सोमनाथ मंदिर और दक्षिणी ध्रुव के बीच पृथ्वी का कोई भी भूभाग नहीं है। मंदिर की पृष्ठ भाग में स्थित प्राचीन मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह पार्वती जी का मंदिर है।
सोमनाथ जी के मंदिर का संचालन और व्यवस्था सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन बाग बगीचे दे कर आय का प्रबंध किया है। यह तीर्थ पितृगन के साथ नारायण बलि आदि कर्मों के लिए भी प्रसिद्ध है। चैत्र, भाद्र, कार्तिक महीनों में यहाँ स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन 3 महीनों में यहाँ श्रद्धालुओं की बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। इसके अलावा यहां 3 नदियां हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है।  इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है। सोमनाथ मंदिर के समय काल में अन्य देव के मंदिर भी थे, इसमें भगवान शिव के 135, भगवान् विष्णु के 5, देवी के 25, सूर्य देव के 16, गणेश जी के 5, नाग मंदिर 1, क्षेत्रपाल मंदिर 1, 19 कुंड और 9 नदियां बताई जाती है।
एक शिलालेख में विवरण है कि महमूद के हमले के बाद 21 मंदिरों का निर्माण किया गया। संभवता इसके पश्चात भी अनेकों मंदिर बने होंगे। चार धाम में से एक धाम भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका सोमनाथ से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर प्रतिदिन द्वारकाधीश के दर्शन के लिए देश और विदेशों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां गोमती नदी स्थित है इसके स्नान का विशेष महत्व बताया गया है इस नदी का जल सूर्योदय पर बढ़ जाता है और सूर्यास्त पर घट जाता है। जो सुबह सूर्य निकलने से पहल मात्र 1 या 2 फिट ही रह जाता है।
विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर आदि अनंत है। इसका सर्वप्रथम निर्माण काल अज्ञात है। हर काल में इस मंदिर को बुरी ताकतों ने लूटा और शिवलिंग को खंडित किया गया। इन सबके बावजूद, आज भी अपने भक्तों के लिए सोमनाथ मंदिर में विराजित शिवलिंग और यह मंदिर पूरे भव्यता के साथ इस दुनिया के सामने खड़ा है। यह मंदिर उन सभी बुरी ताकतों के लिए एक मिसाल है, और सबसे बड़ा उदाहरण है… जो यह दर्शाता है कि आखिर कितना भी अंधेरा हो, जीत हमेशा उजाले की ही होती है। और चाहे कितनी भी बुराई हो जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।
दोस्तों अपने जीवन काल में इस भव्य सोमनाथ मंदिर का दर्शन आप सभी जरूर कीजिएगा। धन्यवाद॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *