(ब्यूरो) हरिद्वार
नैनीताल हाइकोर्ट के चारधाम यात्रा के स्थगन आदेश के बावजूद तीरथ सरकार ने 1 जुलाई से यात्रा जारी करने की नई SOP गाइडलाइन्स जारी कर दी है। सरकार पर व्यापारियों का भारी दबाव है। दूसरी तरफ कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खतरे को देखते हुए सरकार ने हरिद्वार की कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का मन बना लिया है। इस खबर को सुनकर हरिद्वार का समस्त व्यापारी वर्ग सकते में आ गया है। शहर के विभीन्न व्यापार मंडलो के पदाधिकारियों की बीच सरगर्मियां बढ़ गई है। इसके पूर्व 2020 व् महाकुम्भ के बीच भी व्यापारियों को कोरोना SOP के तहत दुकाने खोलने की आजादी नहीं दी गई थी। और न ही सरकार ने उनके लिए कोई उचित राहत पैकेज जारी किया। इस वर्ष भी कोरोना का काला साया उनके व्यापार की सारी उम्मीदों को निगल गया व् उन्हें सरकार की तरफ से कोई विशेष सहायता नहीं मिली है। हरिद्वार ऋषिकेश का सारा काम व् व्यापार तीरथ यात्रियों के आगमन पर निर्भर करता है। महाकुम्भ के बाद लगतार दूसरी बार कांवड़ यात्रा स्थगन की चर्चाओं के बीच व्यापारियों के माथे पर परेशानियों की लकीरे साफ़ देखी जा सकती है। युवा महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष ओम मालिक ने कहा की भाजपा सरकार सिर्फ भ्रष्टाचार करने में लिप्त है और उन्हें जनता की वास्तविक कठिनाइयों की कोई खबर नहीं है। यह सरकार बिजली की दरों में वृद्धि कर चुकी है , पेट्रोल गैस व् खाद्य तेलों की कीमते आसमान छु रही है। और जो राहत पैकेज इन्होने पर्यटन व्यापारियों के लिए जारी किया है वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। महाकुम्भ में कोविड जाँच संबंधी घोटाले के उजागर होने के बाद हम इनसे यह भी उम्मीद नहीं कर सकते की ये लोगो की जिंदगी से खिलवाड़ किये बिना किसी तरह आंशिक कांवड़ यात्रा चला सके। सुशासन के नाम पर वोट मांगने वाले लोगो के कुप्रबंधन व् भ्रष्टाचार से हरिद्वार की जनता बुरी तरह से त्रस्त हो गई है। भाजपा के हरिद्वार विधायक व् प्रदेश भाजप अध्यक्ष मदन कौशिक जी भी कुम्भ घोटाले पर मौन है। इनकी चुपी का सवेंदनहीनता का जवाब हरिद्वार का व्यापारी व जनता इन्हे 2022 में जवाब अवश्य देगी।



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