अपनी सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र के प्रति दायित्व समझते हुए एकबार पुनः मैंने अपनी सखी और साथी ललिता गोयनका जी के सौजन्य और उनके साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को राशन वितरित किये ताकि इस महामारी में आर्थिक दंश झेल रहे लोगों की सहायता हो।


अपनी सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र के प्रति दायित्व समझते हुए एकबार पुनः मैंने अपनी सखी और साथी ललिता गोयनका जी के सौजन्य और उनके साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को राशन वितरित किये ताकि इस महामारी में आर्थिक दंश झेल रहे लोगों की सहायता हो।

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