प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि बास अन्य वृक्ष के अपेक्षा अधिक ऊंचाइयों तक जाता हैं। और अधिक ऊंचा होने के साथ ऊंचाई के अंतिम छोर पर झुका रहता हैं। इसका मतलब हमे यह संकेत देता हैं की इंसान अपने जीवन काल में चाहे कितना भी बड़ा पद प्रतिष्ठा मान सम्मान वाला हों फिर भी उसे अपने अंदर नम्रता का विचार रखना चाहिए।क्योंकि तूफ़ान में बड़े से बड़ा वृक्ष आपने ढहते हुए देखा होंगा परंतु बास तूफ़ान के अनुकूल झुक जाता हैं उखड़ता नहीं सायद नम्रता का यही कारण है।।


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