उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में बनेंगे बायोगैस प्लांट, पशुपालकों को होगा ये बड़ा लाभ
पीएम मोदी की प्राथमिकता में शामिल गोबर-धन योजना का एकीकृत पोर्टल पिछले महीने ही लांच हुआ अब इस इस योजना को अमली जामा पहनाने का काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। सरकार अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की शुरुआत कर रही है। प्रदेश में इस अभियान की शुरुआत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ समेत सूबे के सभी 18 मण्डलों में एक मॉडल कम्प्रेस्ड बायोगैस संयत्र (सीबीजी) स्थापित कर किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के उप निदेशक योगेंद्र कटियार ने सभी मण्डल मुख्यालयों पर इसके लिए जल्द से जल्द स्थान चयन करने के निर्देश भी दिए हैं।
जिला प्रशासन को प्लांट स्थापित करने के लिए जमीन तलाशने के साथ ही उस क्षेत्र में आने वाली गोशालाओं की सूची बनाने का भी निर्देशित किया है। प्लांट बनाने के लिए प्रस्ताव बनेगा। जिला स्तर पर गठित गोबर धन प्रकोष्ठ से अनुमोदित करानी होगी। अनुमोदन के बाद प्रस्ताव निदेशालय भेजा जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत गोबर धन योजना के लिए हर जिले में 50 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। 15वें वित्त आयोग के अनुदान के साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वित्तीय व्यवस्था से सीबीजी का निर्माण होगा। बाद में इस प्रोजेक्ट को ब्लॉक, ग्राम पंचायत पर भी जाएगा।गोबर धन योजना के अंतर्गत केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानों से पशुओं के गोबर, खेत में बचे अवशेष खरीदकर उसे बायोगैस, सीएनजी और कम्पोस्ट खाद में बदलने का काम करेगी। इस योजना का अहम मकसद गांवों को स्वच्छ बनाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है। ‘वेस्ट टू वेल्थ’ एवं ‘क्लीन एनर्जी’ की संकल्पना पर आधारित यह प्लांट 5 से 10 किलोमीटर का दायरे को कलस्टर बनाकर निर्मित होगा। इस दायरे के सभी सरकारी और निजी गोशाला के साथ पशुपालकों को जोड़ेंगे। फसल अवशेष और जैबिक कचरे के बदले किसानों को निर्धारित धनराशि का भुगतान करेंगे।


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